बारिश बन रही थाली की दुश्मन, 200 रुपये तक महंंगा हो सकता है टमाटर

इस मौसम में साफ संकेत मिल चुके हैं कि टमाटर और बाकी सब्जियों के दाम में कोई राहत नहीं मिलने वाली है. साथ ही यह भी संकेत हैं टमाटर के दाम में और भी इजाफा देखने को मिल सकता है. कहा यह तक जा रहा है कि जल्द ही टमाटर के थोक दाम 150 रुपये प्रति किलो टमाटर तक जा सकता है। इसका मतलब है कि अगले कुछ दिनों में टमाटर की कीमत में 200 रुपये तक पहुंच सकती है। इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि टमाटर के दाम किस नए लेवल पर पहुंच सकते हैं. वास्तव में हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात जारी है, जिसकी वजह से फसल की कटाई और लॉजिस्टिक में रुकावट पैदा हो रही है.

इन फसलों को होगा नुकसान

उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में रिकॉर्ड बारिश की वजह से पत्तागोभी, फूलगोभी ककड़ी, पत्तेदार साग आदि जैसी सब्जियां भी महंगी हो सकती हैं. भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु के निदेशक एसके सिंह ने कहा कि उत्तर भारत में, खासकर हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से टमाटर, पत्तागोभी, फूलगोभी, शिमला मिर्च आदि की खड़ी फसल को सबसे ज्यादा नुकसान होगा. जलभराव के कारण वायरस और विल्ट फसल को सड़ा देंगे, जिसकी वजह से कीमतें काफी हद तक बढ़ जाएंगी. इस सीजन में हिमाचल न सिर्फ दिल्ली बल्कि देश के कई राज्यों के लिए पत्तागोभी, फूलगोभी और शिमला मिर्च का प्रमुख सप्लायर है. सिंह ने कहा, कि सब्जियों की ऊंची कीमतों के कारण उपभोक्ता दालों की ओर रुख कर रहे हैं. इसका असर दालों की कीमतों में भी देखने को मिल सकता है जो पहले से ही बढ़ी हुई हैं.

हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में पिछले हफ्ते भारी बारिश हुई. दिल्ली में 8 जुलाई को 40 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. लैंड स्लाइड के कारण कई प्रमुख सड़कें बंद होने से पहाड़ों से मैदानी इलाकों तक फलों और सब्जियों का ट्रांसपोर्टेशन रुक जाएगा. दिल्ली की आजादपुर थोक टमाटर व्यापारी अमित मलिक ने कहा कि हमें डर है कि टमाटर की थोक कीमतें एक सप्ताह में 140-150 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ सकती हैं क्योंकि भारी बारिश के कारण उत्तर भारत के राज्यों से लोकल सप्लाई कम होने के आसार हैं.

पिछले साल हुए घाटे के कारण उत्पादकों द्वारा प्लांटिंग कम करने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों के थोक बाजारों में टमाटर की कीमतें वर्तमान में 40-110 रुपये प्रति किलोग्राम और खुदरा में 100-160 रुपये प्रति किलोग्राम पर चल रही हैं. इस साल बेंगलुरु की फसल भी कम हुई है. सिंह ने कहा कि बेंगलुरु में टमाटर के उत्पादन में गिरावट आई है क्योंकि फसल पहले बेमौसम बारिश के कारण फैलने वाली वायरल बीमारियों की चपेट में आ गई. जानकारों की मानें तो अगस्त के बाद ही टमाट के दाम में कमी देखने केा मिल सकती है, जब सोलापुर, पुणे, नासिक और सोलन जैसे अन्य हिस्सों से टमाटर आने लगेंगे.

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