लॉकडाउन में ढील के साथ काम पर लौटने लगे प्रवासी, ट्रेनों में बढ़े यात्री

नई दिल्ली: लाकडाउन में ढील के साथ औद्योगिक शहरों में जैसे-जैसे उद्योग, कारोबार व दफ्तर खुलने लगे हैं, वैसे-वैसे प्रवासी कामकाजी लोगों के ड्यूटी पर लौटने की रफ्तार तेज होने लगी है। रेलवे ने शनिवार को बताया कि सात दिनों में उसने उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार, ओडिशा व झारखंड के 32.56 लाख लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया है। इनमें बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार भी शामिल रहे।

भारतीय रेलवे ने एक बयान में कहा कि इन प्रवासियों ने लंबी दूरी की ट्रेनों में यात्राएं कीं। ये ट्रेनें 11 से 17 जून के बीच विभिन्न प्रदेशों से यात्रियों को लेकर दिल्ली, मुंबई, पुणे, सूरत, अहमदाबाद व चेन्नई पहुंचीं। रेलवे ने कहा, ‘विभिन्न प्रदेशों से कामगारों को महानगरों तक पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे मेल, एक्सप्रेस, होलीडे व समर स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर रहा है। ये ट्रेनें पूरी तरह आरक्षित हैं और इनमें कोविड प्रोटकाल का पालन किया जा रहा है।’

18 जून तक के आंकड़ों के मुताबिक, 983 मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है जो कोविड पूर्व के मुकाबले 56 फीसद है। इनके अतिरिक्त 1,309 समर स्पेशल ट्रेनों का भी संचालन किया जा रहा है, ताकि ड्यूटी पर लौटने के इच्छुक लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके। इन विशेष ट्रेनों का संचालन बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल, ओडिशा व असम जैसे प्रदेशों से दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, पुणे व बेंगलुरु आदि शहरों के लिए किया जा रहा है।

आगामी 10 दिनों (19-28 जून) के लिए लगभग 29.15 लाख यात्रियों ने इन प्रदेशों से विभिन्न औद्योगिक महानगरों को जाने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों में बुकिंग की है। इनमें प्रवासी कामगार भी शामिल हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल व ओडिशा से औसतन 51 ट्रेनों का संचालन रोजाना हो रहा है, कोविड पूर्व जिनकी संख्या 57 थी।

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