नरम पड़े कमला के तेवर तो बूढ़ी गंडक और गंगा ने की आंख लाल
राज्य में नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी हे। कमला ने अपना तेवर कम किया तो गंगा और बूढ़ी गंडक आंखें लाल करने लगी। गंडक नदी तो चार दिन से तबाही मचा रही है। हालांकि गंडक और कोसी को छोड़ दें तो बढ़ने के बाद भी सभी नदियां लाल निशान से नीचे हैं। लेकिन गंडक शुक्रवार को भी डुमरिया घाट में ऊपर चढ़ी है। यह नदी लाल निशान से 143 सेमी ऊपर बहने लगी। रेवाघाट में भी आठ सेमी ऊपर चढ़ी है यह नदी। यह स्थिति तब है जब इसके डिस्चार्ज में कल तक लगातार गिरावट दर्ज की जा रही थी।
हालांकि आज सुबह तक गिरने के बाद डिस्चार्ज में मामूली बढ़त दर्ज की गई। शनिवार को दोपहर में इसका डिस्चार्ज वाल्मीकिनगर बराज पर 131 घनसेक था। बूढ़ी गंडक समस्तीपुर, और रोसड़ा रेलपुल के पास एक मीटर ऊपर चढ़ी है। खगड़िया में भी इसका जलस्तर बढ़ा है। बावजूद यह नदी अभी दो से चार मीटर तक लाल निशान से नीचे है। कोसी नदी बिहार में अपनी सीमा में है लेकिन वीरपुर और सहरसा में लाल निशान से ऊपर बह रही है। कोसी का डिस्चार्ज बराह क्षेत्र में 75 हजार और बराज पर एक लाख छह हजार घनसेक है।
गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। यह नदी लाल निशान से इतना ज्यादा नीचे है कि अभी कोई परेशानी नहीं है। बक्सर में यह नदी शनिवार को थोड़ी चढ़ी है। वहां पौने नौ मीटर लाल निशान से नीचे हैं। पटना के दीघा में सवा मीटर जलस्तर बढ़ा है। वहां अब गंगा लगभग साढ़े तीन मीटर नीचे बह रही है। गांधी घाट में भी एक मीटर से ज्यादा ऊपर चढ़ी गंगा शनिवार को दो मीटर नीचे बह रही है। कहलगांव में भी एक मीटर चढ़ी और वहां लगभग पौने चार मीटर नीचे है।
कमला नदी दो दिन से लाल निशान के करीब पहुंचती जा रही थी। इसके जलस्तर में लगातार वृद्धि के बाद शनिवार को मामूली कमी आई है। जयनगर में अब भी यह मात्र 45 सेमी लाल निशान से नीचे है। झंझारपुर में भी लाल निशान से मात्र 60 सेमी नीचे है।