राजस्थान में प्रेशर पॉलिटिक्स जारी, बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने बुलाई बैठक
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच का सियासी झगड़ा सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. पायलट के पक्ष में राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अजय माकन के बयान के बाद माना जा रहा है कि गहलोत समर्थक भड़के हुए हैं. कांग्रेस आलाकमान के ऊपर दबाव डालने के लिए अब बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में आए और निर्दलीय विधायक से कांग्रेस के एसोसिएट मेंबर बने विधायकों ने अपनी ताकत दिखाने के लिए बैठक बुलाई है.
23 जून को जयपुर के होटल अशोका में बैठक बुलाई गई है. सूत्रों के अनुसार गहलोत गुट ने यह रणनीति बनाई है कि पायलट गुट को मिल रही तवज्जो के खिलाफ माहौल बनाया जाए. इस मीटिंग के बाबत सभी निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को सूचना दे दी गई है.
गहलोत गुट पर पायलट गुट का पलटवार, कहा- हमें गद्दार कहने वाले अपने गिरेबान में झांकें
इस मीटिंग में वर्तमान सियासी हालातों, मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर मंथन होगा. गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी से आए विधायक और निर्दलीय जीते विधायक लगातार सचिन पायलट और उनके समर्थकों पर हमला बोल रहे हैं और उन्हें गद्दार तक बता रहे हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच में जो वर्चस्व की लड़ाई चल रही है उसे लेकर कांग्रेस हाईकमान भी अलर्ट है. ऐसा भी बताया जा रहा है कि कांग्रेस के अंदर आए इस राजनीतिक संकट को टालने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने सचिन पायलट को पार्टी के भीतर ही महासचिव जैसा पद ऑफर किया था जिससे पायलट ने इंकार कर दिया है.
माना जा रहा है कि इस समय गहलोत सरकार में जो खाली मंत्री पद हैं उन पदों पर सचिन पायलट अपने लोग बिठाना चाहते हैं, इस समय गहलोत मंत्रिमंडल में 9 मंत्रियों की जगह खाली है, सचिन पायलट चाहते हैं कि इनमें से 6-7 पद उनके खाते में आ जाएं, वहीं बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों और निर्दलीय विधायकों की भी इन्हीं पदों पर नजर है.