तीसरी लहर को लेकर राज्य सरकारों को चेतावनी, बिना जमीनी हकीकत जानें न दें ढील
नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने जमकर अपना कहर बरपाया। इस पर काबू पाने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र समेत सभी राज्यों ने अपने यहां कड़ी पाबंदियां लगा दीं। वहीं अब कोरोना के नए केस और संक्रमण से होने वाली मौतों के आंकड़े में लगातार गिरावट जारी है, जिसके बाद राज्यों ने लागू पाबंदियों में ढील देनी शुरू कर दी है। लॉकडाउन हटते ही एक बार फिर बाजारों में भीड़ उमड़ने लगी है।
कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ते देख केंद्र सरकारों ने राज्यों को पाबंदियों ढील देते वक्त बेहद सर्तक रहने की चेतावनी दी है। साथ ही संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्यों को ‘3T+V’ फॉर्मूला अपनाने के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार की ओर से ये निर्देश एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया की उस चेतावनी के बाद जारी किए गए हैं, जिसमें कोरोना की तीसरी लहर अगले 6 से 8 सप्ताह में दस्तक देने की बात कही गई है।
बता दें कि गुलेरिया ने शनिवार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोरोना से जुड़े गाइडलाइंन को फॉलो नहीं किया गया तो तीसरी लहर 6-8 हफ्तों में आ सकती है। जरूरत है कि वैक्सीनेशन होने तक हम आक्रामक रूप से कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी जंग जारी रखें।
गुलेरिया ने कहा कि अगर लोगों ने मास्क और सामाजिक दूसरी जैसे जरूरी गाइडलाइन को फॉलो नहीं किया तो मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं। एम्स के निदेशक ने कहा कि कोरोना के केस बढ़ने पर सर्विलांस और जिस क्षेत्र में केस बढ़ते हैं, उसकी पहचान कर वहां लॉकडाउन लगाने की भी जरूरत पड़ सकती है।