केंद्र ने राज्यों से कहा, सोशल मीडिया की आपत्तिजनक पोस्ट पर रखें नजर

केंद्र ने शनिवार को राज्य सरकारों को डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले करने वालों से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया है। साथ ही सोशल मीडिया पर ऐसी हिंसा से जुड़ी आपत्तिजनक पोस्ट पर भी नजर रखने का आदेश दिया गया है। इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी राज्यों को डॉक्टरों-स्वास्थ्य कर्मियों से जुड़ी हिंसा को लेकर पत्र लिखा था। डॉक्टरों ने भी हिंसा के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के बैनर तले देश भर में विरोध जताया था।

केंद्रीय गृहसचिव अजय भल्ला ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा है कि महामारी के बीच देशभर में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। इससे उनका मनोबल कमजोर होगा और उनमें अपनी सुरक्षा को लेकर डर बना रहेगा। इससे पूरी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर असर पडे़गा। हमला करने वालों पर महामारी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करें।

साथ ही ऐसे मामलों की सुनवाई तेजी से की जाए। सोशल मीडिया पर ऐसी हिंसा को बढ़ावा देने वाले आपत्तिजनक पोस्ट पर नजर रखी जाए। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के बहुमूल्य योगदान पर जोर देने के लिए अस्पतालों, सोशल मीडिया पर पोस्टरों के माध्यम से ठोस प्रयास किए जाने चाहिए।

महामारी अधिनियम-2020 के मुताबिक, डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों को पांच साल तक की जेल और दो लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है। वहीं, अगर स्वास्थ्य देखभाल सेवा कर्मियों के खिलाफ हिंसा की कोई कार्रवाई होती है तो इस अपराध में शामिल व्यक्ति को सात साल तक की जेल और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। ये दोनों अपराध गैर जमानती हैं।

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